Image source: here थम जाता है यु मंज़र मेरा जो थाम लेते हो बांह मेरी ये कैसी कश्मकश है जो राह में आके रुक गयी तेरी बेसवाल जवाबों को ढूंढने मैं खड़ा रहा गलियों में तेरी ये कैसी कश्मकश है जो राह में आके रुक गयी तेरी साँसें जो यूँ रुक सी जाती जो इक झलक दिख जाए तेरी ये कैसी कश्मकश है जो राह में आके रुक गयी तेरी धुंधले से लगते अरमान मेरे अश्कों से भीगी ये पलकें मेरी ये कैसी कश्मकश है जो राह में आके रुक गयी तेरी Click here to read For you my love....
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